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पराये देश की लड़की !

किसे पता था ,
जीतेगी ये दिल ,
पराये देश की लड़की |
अपनी सुलझी बातो में ,
उलझाये मेरा दिल ,
पराये देश की लड़की |
दिल की मादकता से  ,
महकाए मेरा दिल ,
पराये देश की लड़की |

बातो ही बातो में कहे ,
कि , तुम से प्यार करती हूँ |
फिर , मुस्काये , इठलाये और शर्माए |
ओये, पागल तू और पागल तेरा दिल .
पराये देश की लड़की !

कभी चहकती , कभी खनकती
कभी तू छेड़े , मीठे तान |
रंगा आज तेरे ही रंग में ; पागल मेरा दिल ,
पराये देश की लड़की !

जिस पल भी मै देखू तुझे ,
मेरी धड़कन बढ़ जाती है |
ठंडी ठंडी साँसे ले फिर; गाये मेरा दिल ,
पराये देश की लड़की !

पनघट पर पन्हारण बन ,
जब गगरी भरने आये
रास्ता रोके गाँव के छोरे ,
कह कर हाय , हाय |
तेरी भीगी यौवन पर ; फिसला सार दिल ,
पराये देश की लड़की !

इन्तजार उस घडी कि है ,
जब तू संग मेरे होगी ,
प्रेम - प्रसंग होगा अपना ,
और मधुर पवन  चलती होगी |
सोच सोच कर बात ये सारी; व्याकुल मेरा दिल ,
पराये देश की लड़की !