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3 सवाल !!

तेरी नशीली आँखों का नशा आज भी तो है , 
दिल तार हुआ तो क्या नशे में आज भी तो है
पहले प्यार की खुशबू फिजा में आज भी बाकी
मोहब्बत थी नहीं झूठी मुझे अब नाज भी तो है ॥1॥
बता इन अंधे सालों को, जिन्हें दिखती नहीं चाहत
सुनाते रोज ताने है , मुझे मिलती नहीं राहत
मोहब्बत थी नहीं झूठी , जमाना जनता है ये
जो मैंने था किया दिलबर , उस पर नाज भी तो है ॥2॥
किया क्या ? तूने मेरे दिल से, कहा तक चोट पहुंचाई ?
खंजर पीठ पीछे से कब तक खिचती आई ?
मेरी धड़कन की गूंजे तो सारी दिशायें सुनती है
सुना तूने नहीं तो क्या , वो गाता आज भी तो है ॥3॥
अब तू ही बता ,आका ! वफाई थी नहीं सची ?
था मै बवारा या फिर बेहयाई थी तेरी अच्छी ?
इन अंधेर गलियों में , दिया लेकर मोहब्बत का
जो नगमे गा गया एसे ,दिल मेरा साज भी तो है ॥4॥
चला सुनसान सडको पर ,पीछे तेरी परछाई के,
अक्सर ढूंढा था तुझको ,हर लम्हे में तनहाई के ,
मेरे कदमो की आहट को सुना तूने नहीं था क्या ?
पर मेरे जज़्बातों में ,दिल की आवाज़ भी तो है ॥5॥
क्या तूने आज तक जाना, प्रेम चीज है तो क्या ?
प्रीत कहते किसको है , रिश्तों का वजूद है क्या ?
फिर तेरा दूर यूं होना और मुह फेरकर जाना
तेरे यूं गैर होने का यही आगाज भी तो है ॥6॥
क्यू तुझको रूबरू होकर, क्या था कुछ नहीं कहना ?
तुझे क्या अच्छा लगता है अपने गुनाहों का गहना ?
चलो मै माफ़ करता हूँ तेरी नादान सी हरकत ,
ये फिर बेवफाई का तेरी , नया अंदाज़ भी तो है ॥7॥