पलकें बिछाकर बिठाया हमे
दिल की गहराईयों मे लेकर गईं
फिर नज़र से पिलाया उन्होने हमे ||
आँखें एसी नशीली खींचती थी हमे
देखते थे उन्हे,वो देखती थी हमे
क्या अदा थी कि शरमा के मुस्का गईं
फिर दीवाना बनाया उन्होने हमे ||
राज की बात उन्होने बताई हमे
इक अदा फिर नयी दिखाई हमे
कुछ बाते जो समझ आई नहीं
फिर नज़र से समझाया उन्होने हमे ||
बहारों के मौसम नजर आए हमे
हसीं वो नज़ारे खींच लाये हमे
दुनिया से दूर हमको वो यूं ले गईं