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नजरों को उठाकर बुलाया हमे


नजरों को उठाकर बुलाया हमे

पलकें बिछाकर बिठाया हमे

दिल की गहराईयों मे लेकर गईं

फिर नज़र से पिलाया उन्होने हमे ||


आँखें एसी नशीली खींचती थी हमे

देखते थे उन्हे,वो देखती थी हमे 

क्या अदा थी कि शरमा के मुस्का गईं 

फिर दीवाना बनाया उन्होने हमे ||


राज की बात उन्होने बताई हमे

इक अदा फिर नयी दिखाई हमे

कुछ बाते जो समझ आई नहीं

फिर नज़र से समझाया उन्होने हमे ||


बहारों के मौसम नजर आए हमे

हसीं वो नज़ारे खींच लाये हमे

दुनिया से दूर हमको वो यूं ले गईं

फिर जलवा दिखाया उन्होने हमे ||

by - Naveen Solanki